वन उपवन मग गिरि गृह माहीं, तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं । ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल, ॐ सं सं सहमि पराने खल दल । . शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।जात पवनसुत बार https://vashikaran-specialist-in39406.suomiblog.com/helping-the-others-realize-the-advantages-of-hanuman-aarti-48414790